Bukhar Utarne ki Dua

Bukhar Utarne ki Dua। बुखार उतारने की दुआ हिन्दी मे

मेरे अजीजों जैसा के हम सब जानते है कि बुखार एक आम बीमारी है जो कि अक्सर बदलते मौसम या वायरस या कहे कि शरीर की अंदरूनी बीमारी के कारण होती है । मेडिकल इलाज के साथ बहुत लोग इसके साथ ही बुखार उतारने की दुआ के जरिए से भी बुखार को दूर करते है ।

क्योंकि दीन ए इस्लाम मे हर एक बीमारी का इलाज कुरान और हदीस की रोशनी मे मोजूद है आज के इस पोस्ट हम आपको बुखार उतारने की दुआ क्या है और इसको दिन मे कितनी बार पढ़ना चाहिए ।

जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा ?

बुखार क्या है और किन वजहों से आता है ?

बुखार असल मे जिस्म का एक रद्द ए अमल है जो कि अंदरूनी बीमारी या इन्फेक्शन की वजहों से होता है इसकी कुछ ये भी वजह है —

a) मौसम का जल्दी जल्दी बदलना

b) डेंगू, टायफाइड और मलेरिया की वजह से

c) वायरल या बैक्टीरिया इन्फेक्शन की वजह से

d) जुकाम, नजला या सर्दी-गर्मी की वजह से भी हो जाता है

और जब बुखार आता है तो फिर सर मे दर्द होता है किसी को कमकपी सी लगती है और किसी के बदन मे दर्द होता है और इसकी अलामत कमजोरी भी है ये सिमटम्स होते है के बुखार आने लगता है ।

इश्क और मुहब्बत कैसे करे ?

बुखार का इलाज हदीस की रोशनी मे

हमारे प्यारे-प्यारे आका, हुज़ूर नबी ए रहमत इरशाद फरमाते है के बुखार असल मे गुनाहों की माफी का एक जरिया है और हदीस शरीफ मे आता है कि, ” बुखार जहन्नम की गर्मी का हिस्सा है, लिहाजा इसे पानी से ठंडा करो । ” ( सही बुखारी )

इससे हमे पता चलता है के बुखार एक इम्तिहान है और इसका इलाज करना भी सुन्नत है और जो हमारे घरों मे बुखार आने पर जो सरो पर पानी की पट्टी रखी जाती है असल मे वो भी सुन्नत ए रसूल है ।

कर्ज उतारने की दुआ क्या है और कब तक पढे ?

बुखार उतारने की दुआ

जब किसी को बुखार आ जाए तो हुज़ूर नबी ए रहमत की बताई हुई ये दुआ कसरत के साथ पढे – ” :
بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ، أَذْهِبِ الْبَاسَ، رَبَّ النَّاسِ، اشْفِ وَأَنْتَ الشَّافِي، لَا شِفَاءَ إِلَّا شِفَاؤُكَ، شِفَاءً لَا يُغَادِرُ سَقَمًا”

इस दुआ के मायने ये है के ” अल्लाह के नाम से शुरू जो बेहद रहमान और रहीम है, ए लोगों के रब! तकलीफ दूर फरमा, तू ही शाफी है, तेरे सिवा कोई शिफ़ा नहीं देता, एसी शिफ़ा अता फरमा जो किसी बीमारी को बाकी न छोड़े । “

आयतुल कुर्सी पढ़ने के 5 अन सुने फायदे जानिए ?

सुरह फातिहा से बुखार को उतारने का अमल !

सुरह फातिहा को औलमा ए किराम ने उम्मुल-किताब लिखा है और इसको बहतरीन शिफ़ा बताया है अब इसको पढ़ने का तरीका ये है के –

मरीज के सर पर हाथ रख सुरह फातिहा 7 मर्तबा पढिए हर बार बिस्मिल्ला मुकम्मल पढिए उसके बाद उस पर दम कर दीजिए और अल्लाह पाक से उसकी शिफ़ा के लिए दुआ कर लीजिए । बस यही है सुरह फातिहा का अमल ।

दुनिया मे ही जन्नत कैसे देखे ?

पानी पर दुआ पढ़ कर दम करने से बुखार ऐसे उतारे

मेरे अजीजो हमारे प्यारे प्यारे नबी ए करीम ने पानी से बुखार को ठंडा करने की हिदायत दी है अमल कुछ इस तरह करना है के सबसे पहले एक गिलास मे पानी ले और फिर उस पर ये दुआ بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ، أَذْهِبِ الْبَاسَ، رَبَّ النَّاسِ، اشْفِ وَأَنْتَ الشَّافِي، لَا شِفَاءَ إِلَّا شِفَاؤُكَ، شِفَاءً لَا يُغَادِرُ سَقَمًا” तीन बार पढे उसके बाद मरीज को पिलाए और थोड़ा सा पानी उसके सर पर भी डाले ये अमल दिन मे बार करे इंशा अल्लाह राहत मिल जाएगी ।

घर के लड़ाई – झगड़े कैसे दूर करे ?

बुखार उतारने के जबरदस्त वजीफा ये है –

अगर कन्डीशंस एसी है के बुखार काफी पुराना हो चुका है और जाने का नाम ही नहीं ले रहा है और फिर इस सूरत मे दवा से भी आराम न आये तो नीचे दिए गए वजीफे पर अमल कर सकते है इंशा अल्लाह बुखार उतर ही जाएगा ।

वजीफा ये है – सबसे पहले या सलामु 111 बार इसके बाद या शाफी 111 बार और अव्वल और आखिर मे 11-11 बार दुरूद शरीफ जो भी आपको याद हो वो पढ़ करके पानी पिलाए या मरीज पर दम करे इंशा अल्लाह उतर जाएगा ।

मुसीबतों को दूर करने की दुआ ?

बच्चों के बुखार उतारने की दुआ ये है –

बच्चों को जब भी बुखार आ जाये तो उनके लिए नरमी, मुहब्बत और ये दुआ बहुत ज्यादा मुफीद रहती है और वो दुआ ये है أَعُوذُ بِكَلِمَاتِ اللَّهِ التَّامَّاتِ مِنْ كُلِّ شَيْطَانٍ وَهَامَّةٍ وَمِنْ كُلِّ عَيْنٍ لَامَّةٍ ( सही बुखारी ) इस दुआ के माएने ये है –

” मै अल्लाह के पूरे कलिमात के साथ हर शैतान, नुकसान देने वाले कीड़े और हसद करने वाली आँख से पनाह चाहता हूँ । ” ये दुआ आप सुबह और शाम को बच्चों के ऊपर पढ़-पढ़ कर दम करते रहे इंशा अल्लाह आपके बच्चे को बुखार से शिफ़ा मिल जाएगी ।

जन्नत मे क्या-क्या दिया जाएगा ?

मेडिकल इलाज भी कराए और रूहानी दुआ भी करे –

मेरे अजीजों दीन ए इस्लाम तिब्बी इलाज से नहीं रोकता है लेकिन असल इलाज अल्लाह पाक के हाथ मे ही है इसलिए दोनों इलाज करे तिब्बी इलाज भी कराए और रब्बे कायनात की बारगाह मे दुआ भी जरूर करे और बेशक अल्लाह पाक को ज्यादा दुआ करने वाले,मांगने वाले बहुत पसंद है ।

आप डॉक्टर से मशविरा करे दवा ले और इसके साथ ही बुखार उतारने की दुआ भी पढे इंशा अल्लाह बुखार बिल्कुल ठीक हो जाएगा बस ईमान पक्का होना चाहिए दुआये कुबूल होती है ।

बीवी फातिमा का इंतेकाल कैसे हुआ ?

बुखार मे सब्र रखे और तवकुल रखे

चाहे बुखार हो या कोई और दूसरी परेशानी हो हर एक मोमिन को सब्र रखना चाहिए क्योंकि अल्लाह पाक सब्र करने वालो के साथ है और अल्लाह पर भरोसा रखना ईमान की अलामत है इलाज करना सुन्नत है लेकिन शिफ़ा देने वाला सिर्फ अल्लाह है ।

हदीस शरीफ मे आता है के ” हर बीमारी के लिए अल्लाह ने इलाज उतारा है । ” इसलिए इलाज भी जरूर कराए और अल्लाह पाक की बारगाह मे नमाजों की पाबंदी के साथ दुआ भी करते रहे क्योंकि ये ही मोमिन का हथियार है ।

जिस्म से रूह कैसे निकलती है ?

खुलासा ए कलाम

मेरे प्यारो बुखार उतारने की दुआ फकत एक अलफाज ही नहीं है बल्कि एक यकीन है ईमान का हिस्सा है और अगर आप रूहानी अमल को दिल से करे और भरोसा रखे ये दुआ करे इंशा अल्लाह काम बिल्कुल होगा ।

अल्लाह पाक शिफ़ा ए कुल्ली जल्द से जल्द देगा और मेरे अजीजों कुरान और सुन्नत मे मौजूद रोशनी मे अगर हम इलाज करे, तो ये न सिर्फ जिस्म की बल्कि रूह की भी तस्कीन का भी जरिया बनता है इससे आपकी रूह को भी गिजा मिलेगी ।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *