इस्लाम के नुक्ते नजर से एक खूबसूरत रहनुमाई के घर को जन्नत कैसे बनाए ?
हर एक शख्स चाहता है के उसका घर सुकून, मुहब्बत और बरकत से भरा हो लेकिन अक्सर हम भूल जाते है के असल जन्नती घर सिर्फ माल ओ दौलत या बड़ी बिल्डिंग से नहीं बनता बल्कि ईमान, तकवा और अहकाम ए इस्लामी पर अमल करने से बनता है येही सवाल हर एक मुसलमान के जहन मे आता है के घर को जन्नत कैसे बनाए ? इसका जवाब हमे कुरान ए मजीद हुज़ूर नबी ए करीम के बताए हुए रास्तों पर मिलता है।
आज के पोस्ट मे हम इस मामले पर ही नहीं बल्कि घर की हर एक परेशनों को लेकर उसको किस तरह ठीक किया जाए घर का माहौल कैसे बदला जाए घर की औरतो के दिलों के अंदर कैसे खौफ ए खुदा लाया जाए मर्द हजरात के दिल मे कैसे हुज़ूर की सच्ची मुहब्बत पैदा की जाए बच्चों की तरह दीनी माहौल के साथ तर्बियत की जाए और आपस मे जो बार-बार न इत्तेफाकी हो जाती है उनको कैसे सिरे से ही खतम किया जाए।
और भी कई सारे सवालात के जवाबात तफसील से कुरान और हदीस की रोशनी मे सांझनेगे और जानेंगे के घर को जन्नत कैसे बनाए आसान से आसान तरीकों से।
(01) अल्लाह पाक का जिक्र और घर का निजाम
एक अहम सवाल के घर को जन्नत कैसे बनाए ? सबसे पहला जवाब है के अल्लाह पाक का जिक्र हर वक्त घर मे होना चाहिए जब घर मे कुरान ए मजीद की तिलावत होती है और तसबीह पढ़ी जाती है और अल्लाह पाक का जिक्र होता है तो उस घर मे बरकत होती है और शयातीन दूर भागते है ।
हदीस शरीफ मे आया है के हुज़ूर नबी ए रहमत, तमाम नबियों के सरदार ने इरशाद फरमाया है के, ” घर को कब्रिस्तान न बनाओ। शयातीन उस घर से भाग जाता है जिसमे सूरह बकरा की तिलावत की जाती है ।
अल्लाह पाक का जिक्र दिल को साफ करता है जिनका दिल गुनाह कर-कर के शिया हो चुका यानि के दिल काला पढ़ गया अब उन्हे कोई दीन की तरफ नमाज की तरफ या भलाई की तरफ बुलाए तो उन्हे अब किसी की कोई भी बात का असर नहीं होता इसक मतलब यही है के इनका दिल शिया हो चुका तो एसे लोगों को चाहिए के कसरत के साथ अल्लाह पाक का जिक्र करे जिक्र ए खुदा से दिल की गंदगी दूर होगी दिल नरम होगा दिल मे अच्छाई और भलाई और दीन की सही समझ आएगी।
(02) नमाज का अहले खाना पर आम अमल
जिस घर मे सभी फर्द नमाज के पाबंद होते है वो घर अल्लाह के नजदीक पसंदीदा बन जाते है घर को जन्नत कैसे बनाए इसका सबसे जरूरी रास्ता है के नमाज का निजाम हर शख्स के लिए हो ।
अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है ” और अपने घर वालों को नमाज़ का हुक्म दो और खुद भी उस पर कायम रहो ”
जब आपके घर मे हर एक नमाज़ी बन जाएगा और नमाज़ी बन जाएगी तो दीन भी आपके घर की तरफ रुख कर लेगा, तसव्वुर कीजिए जब आपके घर मे सब नमाज़ी होंगे तो किस कदर आपके घर मे अल्लाह की रहमत नाज़िल होगी और अल्लाह पाक आपके रिज्क मे बरकत अता करेगा और जिंदगी मे सुकून देगा और चेहरे पर रोनक देगा और अच्छी सेहत देगा और आपकी औलाद के दिलों मे आपके लिए मुहब्बत मे इजाफा करेगा फिर क्यों नहीं आपके घर जन्नत बनेगा।
(03) आपस मे मुहब्बत और मुस्कुराहट
घर सिर्फ दीवार से नहीं बनता और न ही एसी, कार और दुनिया भर की बहतरीन से बहतरीन चीजों को लाकर सजाने से बल्कि घर बंता है मुहब्बत से, दिल से घर को जन्नत कैसे बनाए इसके लिए घर मे एक दूसरे के लिए मुहब्बत होनी चाहिए, कोई बात हो भी जाए तो उस पर थोड़ा सब्र रखे और गलतियों को मुआफ़ करे एक दूसरे की गलतियों को माफ करना और छोटी-छोटी बातों पर झगड़ना नहीं बल्कि सुलह और मुस्कुराहट से काम लेना चाहिए ।
हदीस मे आता है के हुज़ूर नबी ए रहमत ने इरशाद फरमाया के, ” बहतरीन शख्स वो है जो अपने घर वालों के लिए बहतरीन हो । ” कितनी पीराई बात है ये है के आपको अल्लाह और रसूल की बारगाह मे बहतरीन बनना है तो फिर आपको सबसे पहले अपने घर वालों की नज़रों मे बहतरीन बनना ही होगा इससे आपको वकार भी मिलेगा अल्लाह पाक आपको इज्जत से नवाजेगा।
(04) रिज्क ए हलाल और ईमानदारी
जिस घर मे नफा हलाल होता है उस घर मे सुकून होता है तो ये सवाल के घर को जन्नत कैसे बनाए आप अपनी कमाई को हलाल रख कर हराम कमाई से बच कर हराम रिज्क से सिर्फ नफरत, बेचैनी और तबाही ही आती है और अगर अपने रिज्क ए हलाल से अपना घर चला लिया तो समझिए के आपने अपने घर को जन्नत बना लिया है ।
हदीस शरीफ मे आता है के ” हराम से पाले हुए जिस्म को जन्नत मे दाखिल नहीं किया जाएगा । ” अगर हमने हराम की कमाई से अपने बीवी बच्चों को पाला तो ये बड़ा ही खतरनाक होगा हमारे और आपके लिए इसलिए हम और आप अपने रिज्क को हलाल करे और हराम को दफा करे चाहे कितनी ही आजमाईश आए आपने रिज्क को हलाल ही रखना है।
(05) घर मे सुन्नत ए मुस्तफा का रिवाज कायम करे
घर को जन्नत का मंजर बनाने के लिए जरूरी है के उसमे हम और आप हुज़ूर नबी ए करीम की सुन्नतों का निजाम कायम करे के हमारे घरों मे सुन्नत जिंदा हो जैसे के खाने से पहले हाथ धो लेना, दाये हाथ से खाना, सलाम करना और सब्र का रवेया अपनाना ।
घर को जन्नत कैसे बनाए सुन्नत ए मुस्तफा पर अमल कर के जब हम हुज़ूर की सुन्नतों पर अमल करेंगे तो हमारे घरों मे रोनक आएगी घर मे भाई चारे वाली मुहब्बत पैदा होगी एक दूसरे के लिए अदब दिलों मे आएगा घर का माहौल बदलेगा और कब आपका घर जन्नत का बाग बन जाएगा आपको पता ही नहीं चलेगा क्योंकि एसा ही फैजान है मेरे मुस्तफा करीम की सुन्नतों का ।
(06) घर की खवातीन को इज्जत से नवाजना और उनकी हिफाजत
दीन ए इस्लाम मे औरत को घर की मलिका कहा गया है घर मे अगर औरत की इज्जत और हिफाजत की जाए, उनकी बात सुनी जाए और उनका हक उनको दिया जाए तो वो घर जन्नत बन ही जाता है ।
अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” उनके साथ भले तरीके से जिंदगी गुजारो । ” ( सूरह निसा-4:19) बेशक अल्लाह पाक ने खवातीन हजरात की इज्जत बहुत रखी है और जब उनको पैदा होते ही अरब मे दफना दिया जाता है तब मेरे और आपके आका, हुज़ूर नबी ए रहमत ने उनको जाने बख्शी और कहा के इनको क्यों दफनाते हो ये तो तुम्हारे घरों की इज्जत है ये बेतिया तो बहुत प्यारी होती है।
फिर हुज़ूर ने कहा के जब ये पैदा होती है तो इनके वालिदैन पर जन्नत वाजिब हो जाती है और खुदा इनकी तरफ रहमत भरी नज़रों से देखता है और इनको इस्लाम की शहजादी कहा और जब इनका निकाह हो जाए तो ये किसी की मलिका हो जाती है और जब ये मा बन जाए तो अल्लाह पाक इनके कदमों मे जन्नत ला कर रख देता है।
(07) बच्चों की दीनी तालीम
घर को जन्नत कैसे बनाए इस सवाल के जवाब मे आप अपने बच्चों को सिर्फ दुनिया ही नहीं बल्कि आखिरत की भी तालीम दे उन्हे कुरान पढ़ाना, नमाज पढ़ना और सच बोलना सिखाइए बचपन से अगर सीधा रास्ता सिखाया जाए तो वो कभी गुमराह नहीं होते है ।
हदीस शरीफ मे आता है के, ” हर शख्स अपने घर का जिम्मेदार है और उससे पूछा जाएगा अपनी जिम्मेदारी के बारे मे । ” इसलिए हम से हर को अपनी-अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और कुरान और हदीस की रोशनी मे अपनी जिंदगी कैसे गुजारे इस पर भी गौर करना चाहिए जब हम दीन के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजारेंगे तो फिर बहुत आसानी हो जाएगी ।
(08) महमान नवाजी और मुस्कुराहट
इस्लाम मे महमान को इज्जत देना और उनका ख्याल रखना जन्नत के दरवाजे खोलने का जरिया है घर मे अगर महमान आये तो उनका इकराम करे खुशबू लगाए और दिल से उनका खुश आमद कहे ।
हदीस शरीफ मे आता है के, ” जो अल्लाह और आखिरी दिन पर ईमान रखता है वो महमान का इकराम करे । ”
महमान का आना असल मे अल्लाह पाक की एक नेमत है मेहमान जिसके यहा भी आते है अल्लाह पाक उनके साथ रहमत के फिरिश्ते भेजता है अब महमान को देख कर किसी के दिल मे बुरा ख्याल आया या आया के ये और आअ गए अब खर्चा होगा तो एसे लोगों के घर से अल्लाह पाक रहमत के फिरिश्ते वापिस कर लेता है और किसी महमान को देखर कर किसी के दिल मे आया,
के अल्लाह पाक का शुक्र है के अल्लाह पाक ने मेरे यहा महमान भेजे और उसके दिल मे खुशी आई तो अल्लाह पाक उसकी कई नेमतों से नवाजेगा और कामियाब जिंदगी की तरफ वो आगे बदेगा ।
(09) फिजूल खर्चा और रियाकारी से बचे
घर को जन्नत बनाने के लिए जरूरी है के घर वाले फिजूल खर्चा न करे, रियाकारी यानि के दिखावा न करे और एक दूसरे से हसद से बचे । अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” और फिजूल खर्च लोग शैतान के भाई होते है । ” (सूरह इसरा 17:27)
तो जब आप फिजूल खर्चे से बचोगे तो इससे एक तो आप अपनी रकम बचाओगे और दूसरी तरफ आप शैतान के भाई होने से बचोगे ठीक इसी तरह से जब आप रियाकारी से बचने लगोगे तो एक तो आप अपनी नेकी जाया करने से बचोगे क्योंकि जब आप कोई नेक काम करके दिखावा कर देते है तो वो नेकी आपकी यही खत्म हो जाती है और उसके सवाब के बदले आपको यही तारीफ मिल जाती है
लेकिन अगर आप रियाकारी से बचोगे तो एक तो आपकी नेकी आपके आमाल मे बरकरार रहेगी और दूसरी तरफ आप शैतान के भाई होने से भी बचे रहोगे इसलिए इन दोनों से ही परहेज करना बहुत जरूरी है जिससे के आपका घर जन्नत का बाग बन जाए।
(10) दुआ और इस्टिगफार का माहौल
घर मे अगर हर रोज थोड़ी देर सभी मिल कर दुआ कर ले और इस्टिगफार करे तो अल्लाह पाक की रहमत बरसती है घर को जन्नत कैसे बनाए इसका एक जवाब ये है के अल्लाह पाक से हर वक्त राबता रख कर। कुरान ए मजीद मे अल्लाह पाक इरशाद फरमाता है के, ” इस्टिगफार करो, अल्लाह तुम पर आसमान से बरकते बरसाएगा। “
दुआ मोमिन का हथियार होती है मोमिन को चाहिए के नमाज़ के बाद और जिक्र ए खुदा और दुरूद शरीफ पढ़ कर जरुर दुआ करे और इस्टिगफार करते रहने चाहिए और अगर इसको सब मिलकर घर वाले करे तो बेशक आपका घर जन्नत का बन जाएगा इसमे कभी कोई तिलावत करे कभी कोई नात शरीफ पढे तो कभी कोई दरस दे तो कभी दुआ कराए आप देखोगे के आपका घर जन्नत के बागों मे से एक बाग बन जाएगा।
खुलासा ए कलाम
आखिर मे इस बात को समझना जरूरी है के घर को जन्नत कैसे बनाए – इसका जवाब सिर्फ एक लाइफ स्टाइल मे नहीं बल्कि पूरी सोच मे छुपा है जब हर फर्द अपने फर्ज को समझ कर ईमान, सब्र, मुहब्बत और तकवे के साथ जिंदगी गुजारता है तो वो घर जन्नत के मंजर बन जाता है एसे घरों के लिए ही कुरान मे बशारत है ।
अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” सलाम हो तुम पर, तुम अच्छी जिंदगी गुजार कर आअये हो अब जन्नत मे दाखिल हो जाओ। ” ( सूरह जुमर 39:73)
तो इस तरीके से आप अपने घर को जन्नत बना सकते है बस अमल, नरमी सब्र और लगातार महनत करते रहो अल्लाह पाक जरूर आपको कामियाबी देगा और आपके घर मे एक बहुत अच्छा माहौल बन कर ही रहेगा।