गुनाह से बचने का तरीका । Gunah se bachne ka Tarika

इस्लाम की रोशनी मे – गुनाह से बचने का तरीका

गुनाह से बचने का तरीका हर मुसलमान के लिए एक अहम सवाल है आज के फिरनों भरे दौर मे जब हर एक तरफ गुनाह की दावत ही मिलती है तो हमे अपने ईमान की हिफाजत करने मे और अपने अपने आमाल को सुधारने की बहुत ज्यादा जरूरत है आज के पोस्ट मे हम कुरान ए मजीद और हदीस शरीफ की रोशनी मे समझेंगे के गुनाह से बचने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाए जा सकते है ।

गुनाह क्या है ? – इस्लाम के दायरे मे

गुनाह का मतलब है किसी एसे काम को अंजाम देना जो अल्लाह पाक और उसके रसूल के हुक्म के खिलाफ हो और गुनाह दो किस्म के होते है ।

  1. गुनाह ए कबीरा गुनाह ए कबीरा यानि के वो गुनाह जो बहुत बड़े होते है जैसे के जिना, झूट, शराब पीना, चौरी और भी बहुत सारे है ।
  2. गुनाह ए सगीरा गुनाह ए सगीरा यानि के वो गुनाह जो छोटे होते है जो की अक्सर अनजाने मे होते रहते है ।

आपको गुनाह से बचने का तरीका तब ही समझ मे आ सकता है जब हम गुनाह की हकीकत और उसके असरात को समझे ।

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गुनाह के नुकसानात

गुनाह सिर्फ आखिरत मे अजाब का सबब ही नहीं बनता है बल्कि ये दुनिया मे भी इसके बुरे असरात होते है जैसे के,

  • दिल का सख्त होना
  • ईमान की कमजोरी
  • रिज्क मे तंगी
  • जिंदगी मे परेशानी
  • दुआओ का कबूल न होना
  • नींद और सुकून का छिन जाना

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गुनाह से बचने का तरीका – कुरान ए पाक से नसीहत

(01) तकवा इख्तियार करना

अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” अगर तुम तकवा इख्तियार करोगे तो अल्लाह पाक तुम्हें फर्क करने की कूवत देगा । ” ( सूरह अल-अनफाल – 29 )

तकवे का मतलब होता है के अल्लाह पाक का खौफ दिल मे रखना और हर काम से पहले ये सोचना के, ” क्या मेरा रब इससे राजी होगा ? ” और अगर हमारा दिल इस बात की गवाही न दे के इससे मेरे रब राजी न होगा तो फिर उस काम को नहीं करना चाहिए ।

अब दुनिया वाले आपसे कुछ भी कहते रहे लेकिन आपको काम वही करना चाहिए जिससे आपका रब आपसे राजी हो दुनिया वाले तो आज कुछ कह रहे है और कल कुछ और कहेंगे तो इनके बहकावे मे न आये बल्कि वही करे जिससे आपका रब आपसे राजी हो।

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(02) नमाज का एहतिमाम पाबंदी से करना

अल्लाह रब्बे कायनात कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” नमाज बे हयाई और बुराई से रोकती है । ( सूरह अल-अंकाबूत-45)

मेरे प्यारे दोस्तों अगर हम रोजाना 5 वक्त की नमाज पाबंदी से पढे तो गुनाहों से बचने मे आसानी होती है और नमाज दीन का सुतून है ये हर एक आकील बालिग मर्द-औरत पर फर्ज है और एक तरीके से ये अल्लाह पाक का हम सबके ऊपर कर्ज है हमे हर हालत मे नमाज अदा करनी ही है ।

नमाज पढ़ने के जिंदगी मे फायेदे

फ़जर जब कोई मुसलमान फ़जर की नमाज पाबंदी से पढ़ने लगता है तो फिर उसके चेहरे पर अल्लाह पाक नूर अता करता है उसका जहन कुशादा कर दिया जाता है घर की न इत्तेफाकिया दूर होने लगती है ।

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जोहर जब कोई मुसलमान जोहर की नमाज पाबंदी से पढ़ने लगता है तो फिर अल्लाह पाक इसके रिज्क मे बरकते अता करता है और एसी-एसी जगह से इसको रिज्क अता किया जाता है जहा से इसको गुमान भी नहीं होता है ।

असर जब कोई मुसलमान असर की नमाज पाबंदी से पढ़ने लगता है तो फिर अल्लाह पाक इसकी शहत को बहुत अच्छा कर देता है और तमाम ही बीमारिया इससे दूर कर दी जाती है और इसको सुकून अता कर दिया जाता है ।

मगरिब जब कोई मुसलमान मगरिब की नमाज पाबंदी से पढ़ने लगता है तो फिर अल्लाह पाक इसकी औलाद को इसकी फरमा बरदार बनाता है और उनको नेकियों भरी जिंदगी अता करता है ।

इशा जब कोई मुसलमान इशा की नमाज पाबंदी से पढ़ने लगता है तो फिर अल्लाह पाक इसको सुकून की जिंदगी अता करता है और इसकी जिंदगी मे से तमाम ही परेशनिया दूर कर देता है इसको रूहानी-जिस्मानी सुकून अता कर दिया जाता है।

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(03) कुरान ए मजीद की तिलावत

रोजाना कुरान की तिलावत से इंसान का दिल रोशन होता है और गुनाहों की तरफ दिल नहीं चाहता । गुनाह से बचने का तरीका कुरान ए मजीद मे बारम्बार आया है के, ” हर सूरत मे कोई न कोई हिदायत जरूर मिलती है । ” लिहाजा हम सबको चाहिए के अल्लाह पाक का कलाम अपने घरों मे रोजाना पढे और इसके माएने भी पढे ।

(04) अच्छी सोहबत – गुनाह से बचने का आसान तरीका

अगर आप अच्छे लोगों के साथ रहेंगे तो फिर उनकी अच्छी बाते भी आप पर असर डालेंगी गुनाह से बचने मे सोहबत का बहुत बड़ा रोल होता है और हुज़ूर ने फरमाया के मोमिन अपने दोस्त के ईमान पर होता है यानि के जैसा उसका दोस्त होगा वेसा ही वो खुद होगा इस लिहाज से दोस्ती बहुत बड़ा अहम किरदार निभाएगी अगर आप गुनाह से बचना चाहते है तो

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और इसी के साथ ये भी याद रखे के हुज़ूर ने ये भी फरमाया है के दोस्त एसा बनाओ जिसको देख कर खुदा याद आ जाए और उसकी दोस्ती वक्त दुनिया तक ही महदूद न हो बल्कि जन्नत तक ले जाने का दम भी रखती है तो आप इन बातों से समझ सकते हो के किन लोगों से दोस्ती करना चाहिए और किन लोगों से बचना चाहिए ।

गुनाह से बचने का तरीका – हदीस की रोशनी मे

(01) ईमान को ताज़ा रखना

हदीस ए मुबारिका मे आता है के, ” ईमान पुराना हो जाता है जैसे कपड़ा पुराना हो जाता है तो अपने ईमान को ताज़ा रखो । “

ईमान को ताज़ा रखने से मुराद ये है रोजाना अल्लाह पाक का जिक्र, दुरूद शरीफ और कुरान ए पाक की तिलावत से ईमान ताज़ा होता है जितना ज्यादा जिक्र आप करोगे उतना ही ज्यादा आपका ईमान ताज़ा रहेगा ।

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(02) तौबा और इस्टिगफार

हदीस शरीफ मे आता है के, ” जो शख्स इखलास से तौबा करता है तो अल्लाह पाक उसके सब गुनाह मुआफ़ कर देता है । ” लेकिन तौबा भी सच्ची होनी चाहिए ।

रोजाना सुबह और शाम आस्तगफिरुल्लाह कहना गुनाहों को मिटा देता है इसलिए कजरत के साथ अस्तगफार करते रहने चाहिए ।

गुनाह से बचने का तरीका – आम जिंदगी मे

(01) रोजाना मुहासबा करना

रात को जब सोने को जाओ तो सोने से पहले अपने दिन भर के आमाल का जाइजा ले क्या अच्छा किया और क्या बुरा ? इस से इंसान खुद ही सुधरने लगता है । इससे जो भी आपसे गुनाह जो पहले होते होंगे वो धीरे-धीरे कम होते जाएंगे ।

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(02) हलाल रिज्क कमाना

गुनाह से बचने का तरीका ये भी है के रिज्क हलाल हो और हराम कमाई इंसान को अंदर से नूर मिटा देती है जहा तक हो सके देखा करे के किसी भाई का आपकी वजह से दिल न दुख रहा हो आप की वजह से किसी का हक न मारा जा रहा हो इन सब से आपको बचना चाहिए और अपनी कमाई को हलाल और पाक साफ रखनी चाहिए ।

(03) सब्र और शुक्र

जो लोग सब्र और शुक्र का जज्बा अपनाते है वो ज्यादा तर गुनाहों से बचे रहते है और हमेशा ही अल्लाह पाक पर भरोसा रखते है और याद रखे आपके साथ ही जब कोई आजमाइश आये तो सब्र करना क्योंकि अल्लाह पाक सब्र करने वालों के साथ है ।

और जब भी अल्लाह पाक आपको किसी नेमत से नमाजे तो उसका शुक्र हमेशा ही करते रहना क्योंकि जब कोई अल्लाह पाक शुक्र अदा करता है तो फिर अल्लाह पाक उसको और नवाजता है ।

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गुनाह से बचने का तरीका – औलाद को कैसे सिखाए

  1. अपनी औलाद को बचपन से ही इस्लाम की तालीम दे
  2. उनको कुरान ए मजीद और हदीस शरीफ को सुनाते रहे
  3. खुद नेकी पर अमल करके रोल मॉडल बने ताकि बच्चे आपको देख-देख कर सीखते चले

बच्चों मे अगर शुरू से ही गुनाह से बचने की आदत डाली जाए तो उनका मुस्तकबिल रोशन होएग लेकिन याद रखे बच्चों को आप कितनी ही नसीहत करते रहना लेकिन वो करेंगे वही जो आप करते होंगे इसका मतलब ये है के अगर आपको अपने बच्चों को दीनदार बनाना है तो फिर आपको भी ब अमल बनना ही होगा ।

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खुलासा ए कलाम

आज के फितने और फसाद भरे दौर मे गुनाह से बचने का तरीका समझने और उस पर अमल करना हर मुसलमान की जरूरत है तकवा, नमाज, सोहबत, कुरान और सब्र करके हम अपने आप को और अपनी औलाद को गुनाह से बचा सकते है अल्लाह पाक से हमेशा मदद मांगते रहना चाहिए क्योंकि वही सबसे बहतरीन मददगार है।

” और जो अल्लाह से डर गया, अल्लाह उसके लिए हर मुश्किल से निकलने का रास्ता बनाता है । ” कुरान पाक की ये आयत कितना कुछ कह देती है अगर आप समझे तो मेरे अजीजों गुनाह इंसान से हो जाते है लेकिन अल्लाह पाक मुआफ़ भी तो कर देता है न आपकी मा से भी 70 गुना ज्यादा प्यार वही तो करता है तो हमे चाहिए के हम अल्लाह से अपने गुनाहों की मुआफ़ी मांगे और सच्ची तौबा करके अच्छे लोगों की जमात मे शामिल हो जाए ।

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