मेरे अजीजों जब भी बात आये कि वो कौन बद बखत होगा जो सबसे पहले जहन्नम मे जाएगा तो समझ लेना के वो एसे लोग होंगे जिनका न कोई ईमान न ही उनके घर वाले उनसे खुश और न ही उन्होंने कोई भलाई का काम किया होगा ।
दीन ए इस्लाम मे जन्नत और जहन्नम दो एसी जगह है के जब कोई इंसान मर जाता है फिर इन दोनों मे ही से एक का हक दार होता है अब ये उसके आमाल बताते है के वो जन्नत मे जाएगा या जहन्नम मे जाएगा हर एक मुसलमान की चाहत होती है कि,
अल्लाह पाक की रहमत से वो उस रास्ते पर चले जिससपर हमारे असलाफ़ चले और जन्नत ही उसके नसीब मे हो और जहन्नम से बचे लेकिन क्या आपने कभी ये भी सोचा है के जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा ?
आज के पोस्ट मे हम तफसील से कुरान और हदीस की रोशनी मे जानेंगे के वो कौन बद नसीब वाला होगा जो जहन्नम मे सबसे पहले डाला जाएगा और आखिर अल्लाह के गजब का सबसे पहला शिकार कौन बनेगा ?
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जहन्नम क्या है और कहा मौजूद है ?
हकीकत मे लफ़्ज़ ए जहन्नम का मतलब है वो जगह जिसे अल्लाह पाक ने उन बदकार लोगों के लिए तैयार किया है जो उसकी न फरमानी करेंगे और जमीन मे फसाद फेलाएंगे और एक दूसरे के हुकूक दबाएंगे।
कुरान ए मजीद मे इसका जिक्र कई बार आया है जहा पर सजा, आग, धुआ, प्यास, भूख और तकलीफ का जिक्र मिलता है, कुरान मे अल्लाह पाक कहता है के, ” और जो लोग मेरी आयतों को झुठलाते है और उनसे मुह मोड़ते है, वे ही जहन्नम मे दाखिल होंगे । ” ( सूरह अल बकरा आयत 36 )
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जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा और क्यों ?
इस पोस्ट का सबसे अहम मुद्दा कि जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा ? इसके बारे मे कुरान और हदीस ए पाक मे कई जगह बिल्कुल वाजिह कर दिया है कि इसमे ज़्यादा तर चार किस्म के लोग है जो कि जहन्नम की आग बना कर सबसे पहले उसमे डाले जाएंगे ।
01) अल्लाह के साथ किसी और को शरीक ठहराने वाले लोग
मेरे अजीजों दीन ए इस्लाम मे सबसे बड़ी अहमियत तौहीद है जिसमे फकत एक खुदा को ही रब ए कायनात तस्लीम किया जाता है अब जो लोग अल्लाह के साथ किसी और को भी शरीक करते है या उसके कायम मुकाम मानते है उन्हे अल्लाह पाक सबसे बड़ा गुन्हागर मानता है

हदीस शरीफ मे आता है कि रसूल ए खुदा, मुहम्मद ए मुस्तफा ने इरशाद फरमाया, ” जिसने अल्लाह के साथ किसी को शरीक ठहराया वो जहन्नम मे जाएगा । ” ( सही मुस्लिम ), इसलिए ही कहा जाता है के जहन्नम मे सबसे पहले मुशरीक लोग ही जाएंगे ।
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02) मुनाफिक ( दोहरी जिंदगी जीने वाले लोग )
मुनाफिक का मतलब होता है के वो लोग जो बाहर से बिल्कुल मुसलमान की तरह ही दिखते है और ब जाहीर उनके काम भी मुसलमानों की तरह ही होते है लेकिन अंदर से दीन के दुश्मन होते है और कुरान ए मजीद मे मुनाफीको के आया है के उनके ठिकाना जहन्नम का सबसे नीचे वाला दर्जा होगा ।
कुरान ए मजीद मे आता है के, ” बेशक मुनाफिक, जहन्नम के सबसे निचले हिस्से मे होंगे । ” ( सुरह अन – निसा आयत 145 ) इससे ये भी क्लीयर हुआ है कि जहन्नम मे सबसे पहले मुनाफिक भी शामिल होंगे ।
03) जुल्म करने वाला हाकिम और जालिम लोग
मेरे प्यारो अल्लाह पाक ने जो ताकत किसी को दी है या जो हुकूमत किसी बादशाह को दी है असल मे ये एक अहम जिम्मेदारी है अब जो भी लोग इसका गलत फायेदा उठाते है या इस कूवत का गलत इस्तेमाल करते है और आवाम पर जुल्म और सितम करते है वो ही लोग जहन्नम मे सबसे पहले डाले जाएंगे ।
हदीस शरीफ मे आता है कि, ” सबसे बुरा हाकिम वो है जो जुल्म करे और जालिम हाकिमों के लिए जहन्नम की सबसे निचली घाटी है । ” ( तफ़सीर इबने कसीर ) तो मेरे अजीजों इस तरीके से और इस हदीस की रोशनी मे ये भी साबित होता है के ये ही लोग जहन्नम मे सबसे पहले डाले जाएंगे ।
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04) रियाकारी करने वाले ( दिखावे वाले इबादत करने वाले )
कई सारी हदीसो मे आता है कि कुछ एसे लोग होंगे जो दिखावे के लिए नमाज पढ़ते, जकात देते और हज करते बल्कि बहुत सारे नैक काम करते थे दुनिया मे और लोग उनको बहुत ही नैक और परहेजगार मुसलमान समझते थे बल्कि कई सारे लोगों की जिंदगी मे दीन का इनकेलाब इनकी ही वजह से आया था,

लेकिन अफसोस उनका मकसद अल्लाह की रिजा नहीं बल्कि दुनिया की ही वाहवाही था और एसे लोग जब जहन्नम मे डाले जा रहे होंगे तो लोग इनको देख कर कह रहे होंगे तुम तो बड़े नैक थे अब क्या हुआ तो ये हसरत से कहेंगे कि वो सब बस दुनिया के लिए ही दिखावा था। और इनके लिए हदीस मे आता है कि,
” कियामत के दिन सबसे पहले उस आदमी को बुलाया जाएगा जो शहीद हुआ, लेकिन इस लिए लड़ रहा था कि लोग कहे बहादुर है फिर उस आदमी को जिसने कुरान पढ़ा और इल्म सिखाया लेकिन वह इस लिए था कि लोग कहे आलिम है इन सबको जहन्नम मे फेंक दिया जाएगा । ( सही मुस्लिम )
मेरे अजीजों इस हदीस से हमे सीख लेनी चाहिए कि रियाकारी जहन्नम मे ही ले जानी वाली चीज है और इससे तौबा भी करनी चाहिए और यही वो लोग होंगे जो जहन्नम मे सबसे पहले डाले जाएंगे ।
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आखिर जानना क्यों जरूरी है के जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा ?
ये इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे कही न कही हर एक को इबरत हासिल करनी चाहिए कि अल्लाह न करे के हमारा नाम भी इस लिस्ट मे शामिल हो जाए और डरना चाहिए इसके साथ ही तौबा करना भी करनी चाहिए और अपने रब के हुज़ूर सजदा रेज होकर रो-रो कर दुआ मांगनी चाहिए ।
और इस सवाल के जरिए से हम और आप भी अपने-अपने आमाल का जाएजा ले और अपनी जिंदगी के मरहलो पर गौर करे के हम कहा पर है हमारी जिंदगी के कितने दिन-महीने और साल गफलत मे गुजर चुके है।
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जहन्नम से बचने के लिए कौन-कौन से अमल करे ?
मेरे अजीजो आप चाहते हो के नारे जहन्नम से बचे और अपने घर वालों को भी बचाए तो आपको चाहिए के वो काम करे जिससे आपका रब राजी हो और खुदा का हबीब राजी हो अब ये सवाल आता है के वो काम कौन कौन से है जिनको करने से रब ए कायनात राजी होता है !

01) तौहीद पर ईमान सच्चा रखना
02) दिखावे से बचना
03) इंसाफ करना और लोगों के हुकूक अदा करना
04) मुनाफिकत को दूर करना और नैक और खैर वाले काम करना
05) हर छोटे-बड़े गुनाह से बचने की कोशिश करना
06) अल्लाह पाक का दिल मे हमेशा ही खौफ रखना
07) दुनिया मे सबसे ज्यादा मुहब्बत हुज़ूर नबी ए करीम से करना
खुलासा ए कलाम
मेरे अजीजों इस पोस्ट से हमने सीख के जहन्नम मे सबसे पहले कौन जाएगा चाहे वो मुशरीक हो, मुनाफिक हो, जालिम हो या रियाकार हो ये सभी एसे लोग है जिन्हे अल्लाह का गजब सबसे पहले मिलेगा ।
इस पूरी पोस्ट का मतलब और मकसद किसी को डराना नहीं है बल्कि एक सीख देना है के ताकि सब लोग सही रास्ते पर चल सके अल्लाह बहुत रहम करने वाला है लेकिन वो इंसाफ भी करने वाला भी है ।
हम सब को चाहिए के खूब-खूब नैक काम करे एक दूसरे की इज्जत करे और छोटो पर शफकत करे और बड़ों की इज्जत करे नमाजों की पाबंदी करे घर मे खुश हाली का माहौल बनाए एक दूसरे को बुरे नामों से न पुकारे और उन बातों पर अमल करे जो बाते हमारे प्यारे-प्यारे आका ने बताई है ।