मेरे अजीजों हर एक मुसलमान की खवाईश होती है के उसे जन्नत मिल जाए लेकिन क्या आपने कभी सोचा है के जन्नत कैसे देखे ? और वो भी इसी दुनिया मे रहकर ही जन्नत की झलक देखी जा सकती है ? जिसके तालुक से कुरान ए मजीद और हदीस शरीफ मे आया है।
अगर हमारा उन बातों पर अमल रहेगा तो यकीनन हम और आप भी अपनी ही जिंदगी मे जन्नत को देख सकते है आज के इस पोस्ट मे हम तफसील से जानेंगे के एक इंसान कैसे जन्नत को देखने की तमन्ना कर सकता है और इसके लिए किन रास्तों को अपनाना जरूरी है ।
Jannat kya hai। जन्नत क्या है ?
मजहब ए इस्लाम के अकॉर्डिंग जो लोग एक खुदा पर ईमान रखते है और हुज़ूर नबी ए करीम, मुहम्मद ए मुस्तफा को अपना आखिरी नबी तस्लीम करते है तो अल्लाह पाक का जन्नत इन सब के लिए एक इनाम है ।
उन लोगों के लिए जो उसकी राह पर चलते है, नैक काम करते है और उसका हर एक हुक्म मानते है उनके लिए जन्नत एक इनाम है जो मरने के बाद से शुरू हो जाती है और हश्र के दिन हिसाब किताब होगा जन्नत वालों को जन्नत और दोजख वालों को दोजख दे दी जाएगी ।
जन्नत का एक नाम दारुल खुलूद ( यानि के हमेशा रहने वाली जगह ) भी है जहा तकलीफ नहीं होगी, परेशानी नहीं आएगी और जन्नत मे कभी भी किसी को मौत नहीं आएगी और तो और जब जन्नत मे अल्लाह पाक दाखिल करेगा तो जवानी के साथ और न ही कभी बुढ़ापा आएगा वो हमेशा जन्नत मे ही रहेंगे ।
Jannat kaise dekhe। जन्नत कैसे देखे
मदीने के सुल्तान, रहमत ए आलमयान, तमाम नबियों के सरदार, हुज़ूर नबी ए रहमत, मुहम्मद ए मुस्तफा का फरमान ए आलीशान है, ” जो कोई मुझ पर दिन मे एक हजार बाद दुरूद शरीफ पढेगा तो वो उस वक्त तक नहीं मरेगा जब तक जन्नत मे अपना मुकाम न देख ले । ” अब जब वो अपना मुकाम देख लेगा तो जाहीर सी बात है के जन्नत की भी झलक देख ही लेगा ।

हजरते शैख अब्दुल हक मुहद्दइस दहेलवी जजबुल कुलूब मे फरमाते है के, ” मोमिन सादिक और मुहब्बे मुश्ताक पर लाजिम है के दुरूद शरीफ की कसरत करे और दूसरे आमाल पर उसे मुकद्दस जानने मे कमी न करे जिस कद्र मखसुस कर सके करे और फिर उस मुकर्रर अदर को रोजाना का विरद बनाए । “
जन्नत को देखना कैसे मुमकिन है ?
01) रूहानी तौर पर अल्लाह पाक के कुछ खास नैक बंदे होते है जैसे के औलिया किराम और सच्चे सूफी, जिक्र और तसबीह के जरिए रूहानी हालत मे जन्नत की झलक पाते है यह आम इंसानों के लिए नहीं बल्कि बहुत ऊचे दर्जे के अल्लाह वाले लोगों के लिए होता है ।
02) हकीकत ए हाल मे मेरे अजीजों हकीकत मे जन्नत को देखना इस दुनिया मे मुमकिन है अल्लाह पाक ने अपने रसूल जो हबीब ए खुदा है यानि हमारे प्यारे नबी को मेराज के सफर मे जन्नत दिखाई और अपने हबीब को बता दिया के मेरे हबीब तुम्हारे ऊपर जो कोई रोजाना एक हजार बार दुरूद शरीफ पड़ेगा उसको जन्नत मे उसका उसका मुकाम दुनिया मे ही दिखा दिया जाएगा ।
कुरान क्या कहता है जन्नत के बारे मे ?
अल्लाह पाक कुरान ए मजीद की सूरह बकरा मे इरशाद फरमाता है के, ” जो ईमान लाए और अच्छे काम किए, उनके लिए जन्नते है जिनके नीचे नहर बहती है । ” ( सूरह बकरा 2:25 ) इसके साथ ही जन्नत को जन्नत अल फिरदोस के नाम से भी कुरान ए मजीद मे पुकारा गया है ।
इसमे ईमान लाने से मुराद है के सच्चा पक्का ईमान लाना एसा न के अल्लाह पाक की जात मे किसी और को भी शरीक किया जा रहा हो फिर ये मुनाफिकत होगी और इसके साथ ही अच्छे काम किए नैक काम यानि के घर वालों के हक अदा किए हो किसी का भी दिल नहीं दुखाया हो एसे काम किए होंगे तब ही जन्नत है और फर्ज तो अदा करने ही है ।
हदीस शरीफ मे जन्नत के मुताबिक क्या-क्या आया है ?
हजरते अबू हुरैरा रदी अल्लाहु ताला अनहू से रिवायत है के हुज़ूर पुर नूर, हबीब ए खुदा ने इरशाद फरमाया के, ” अल्लाह तआला ने फरमाया के मेने अपने नेक बंदों के लिए एसी नेमते तैयार की है जो न किसी आँख ने देखि, न किसी कान ने सुनी और न किसी इंसान की दलील मे आई ।” ( बुखारी, मुस्लिम )
एक हदीस ए पाक मे और आता है के नमाज के दौरान अल्लाह का बंदा रूहानी तौर पर अल्लाह के करीब होता है और उस वक्त दिल को एक सुकून और नूर हासिल होता है जो जन्नत की झलक की तरह ही होता है ।
जन्नत को देखने की खवाईश नफ़स है या ईमान है ?
जन्नत कैसे देखे ? अगर ये सवाल ईमान से निकला है तो ये एक नेक और इबादत से भरा हुआ सवाल है लेकिन अगर ये सवाल सिर्फ और सिर्फ ताज्जुब या फिर दुनियावी सोच से निकला है तो ये फकत नफ़स की खवाईशात हो सकती है ।

जन्नत की चाहत रखना बहुत अच्छी बात है लेकिन बस चाहत से ही काम नहीं चलेगा न इसके लिए आपको नमाजों की पाबंदी घर वालों के हक और एक दूसरे का अदब भी रखना होगा और आपस मे भाई चारा कायम रखना होगा इसके साथ ही ईमान का होना लाजिम है ।
जन्नत के लिए कौन-कौन से काम करे ?
मेरे अजीजों अगर आप सच मे जानना चाहते है के जन्नत कैसे देखे तो पहले ये सोचना चाहिए के जन्नत कैसे पाए ? जन्नत के हकदार बनने के लिए आपको कुरान और हदीस के मुताबिक कुछ काम जरूर करने होंगे जैसे–
दुरुस्त ईमान और नमाजों की पाबंदी
- तौहीद ( फकत एक अल्लाह पर यकीन )
- रसूल ए खुदा, मुहम्मद ए मुस्तफा पर ईमान लाना
- आखिरत पर यकीन रखना
- 5 वक्त की नमाज
- तहज्जुद की नमाज
- नमाजों के बाद दुआ मांगना
कुरान की तिलावत और नैक आमाल
- रोजाना कुरान पढ़ना
- उसके मायने और तफसील समझना
- कुरान के हुक्मों पर अमल करना
- सच्चाई, अमानतदारी
- जरूरत मंदों की मदद करना
- सब्र और शुक्र करना
जन्नत की झलक पाने वाले लोग
मेरे अजीजों कुछ एसे खास अल्लाह पाक के बंदे होते है जो अपनी इबादत से, जिक्र ए खुदा से और तसबीह से अल्लाह पाक का खास कुर्ब हासिल कर लेते है और फिर अल्लाह पाक जिसे चाहे उसे रूहानी तौर पर जन्नत की झलक दिखाता है जैसे —
हजरत ए बिलाल रदी अल्लाही तआला अनहू के बारे मे रसूल ए खुदा ने कहा के ” मेने तुम्हारे कदमों की आवाज जन्नत मे सुनी । ” सूफी संत, जैसे हजरत निजामुद्दीन औलिया, इबादत और मुशाहिदा के जरिए जन्नत की रूहानी झलक का जिक्र करते है ।
जन्नत को ख्वाब मे कैसे देखे ?
मेरे अजीजों बहुत सारे लोग ये भी पूछते है के क्या ख्वाब मे जन्नत देखना मुमकिन है ? इस सवाल का जवाब है हा, अगर इंसान सच्चा और पाक दिल वाला हो और अल्लाह उसे दिखाना चाहे तो ख्वाब मे जन्नत की झलक दी जा सकती है लेकिन इसके लिए ये तीन चीजे भी जरूरी है —
- पाकीजगी जरूरी है
- सोने से पहले तसबीह और दुआ भी लाजिम है
- दिल का पाक होना भी
जन्नत को कैसे देखे — आसान आमाल के जरिए से
अगर आप भी चाहते है के आप भी जन्नत झलक देखे तो फिर ये कुछ अमल आपके लिए है अगर आप इनको कारोगों तो फिर अल्लाह पाक ने चाहा तो आप जरूर जन्नत की जियारत करोगे । करना बस ये है के —

- हर दिन सुबह या रात मे कम से कम एक बार सूरह वाकिया की तिलावत करे
- या नूरो, या हादी का वजीफा पढे
- तहज्जुद की नमाज की पाबंदी रखे
- हर रोज ही जन्नत की नेमतों पर सोचे और इसके लिए दुआ करे
गुनाहों से बचने के तरीके क्या है ?
खुलासा ए कलाम
जन्नत कैसे देखे — इसका जवाब फक्त और फकत यही है के आँखों से नहीं बल्कि दिल और रूह से जुडा हुआ है जो इंसान अल्लाह पाक से सच्चा तालुक रखता है, नैक रास्ते पर चलता है, तौबा करता है,
और दुआ मे अपनी जिंदगी सजाता है, वही दुनिया मे भी जन्नत की रूहानी झलक पा सकता है और आखिरत मे असल जन्नत का हकदार बन सकता है लेकिन इसके लिए फकत नमाज ही नहीं बल्कि तकवा और परहेजगारी भी लाजिम है ।