नैक इंसान कैसे बने । Naik Insan kaise bane

इस्लामी तरीके से बहतरीन जिंदगी का सफर – नैक इंसान कैसे बने

हर एक मुसलमान की खवाईश होती है के वो अल्लाह पाक के नजदीक हो और बहुत प्यारा हो रब के नजदीक, नेक अमल करे और आखिरत मे कामयाबी पाए लेकिन सवाल ये आता है के नैक इंसान कैसे बने ? ईस सवाल के जवाब हमे कुरान और हदीस मे मिलता है। इस पोस्ट मे हम इस्लामिक तरीकों से जानेंगे के एक इंसान कैसे अपनी जिंदगी को बहतर बना सकता है और नैकी के रास्ते पर कैसे चल सकता है ?

नैक इंसान कैसे बने ? इस सवाल मे फकत यही एक सवाल नहीं उठता बल्कि सवाल उठते है के जहन्नम के रास्ते को छोड़ कर जन्नत के रास्ते पर चले ? कैसे नमाजों की पाबंदी करे ? अल्लाह के जिक्र मे किस तरह अपना जहन लगाए ? किस तरह अल्लाह पाक को राजी करे ? हुज़ूर नबी ए रहमत ने जो राह दिखाई है उस पर किस तरह साबित कदम रखे ? शैतान को कैसे मात दे ? ये तमाम सवाल बुलंद होते है अंधुनी हिस्से मे तो आज के पोस्ट मे इन तमाम ही सवालात के जवाबात तफसील से दिया जाएगा ।

(01) अखलाक और अच्छे बरताओ को इखतियार करे

अच्छा और बहतरीन अखलाक इस्लाम का बुनियाद हिस्सा है। हुज़ूर नबी ए रहमत, तमाम नबियों के सरदार इरशाद फरमाते है के, ” मै इसलिए भेजा गया हूँ के अच्छे अखलाक को मुकम्मल कर दूँ । ” ये कितनी बड़ी बात है अगर हम और आप समझे तो के हुज़ूर इसलिए आये अच्छे अखलाक किसको कहते है इसको मुकम्मल कर दूँ अल्लाह-अल्लाह

मेरे प्यारो अगर आप पूछते है के नैक इंसान कैसे बने ? तो सबसे पहले अपने अखलाक को दुरुस्त करे क्योंकि नैक इंसान बनने के लिए सबसे पहले अपने अखलाक को सुधारना जरूरी है मुस्कुराहट से बात करना,

ये हुज़ूर की सुन्नत भी है लोगों की मदद करना, झूट न बोलना, गुस्से को रोक लेना- ये सब अच्छे अखलाक की निशानिया है।

(02) नमाजो पाबंद होना – नैक इंसान नमाज से बने

नैक इंसान कैसे बने ? सबसे पहला जवाब होगा के नमाज की पाबंदी और अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” नमाज फहशी और बुराई से रोकती है । ” यानि के नमाज आपकी बुराईयो को खत्म कर देगी लेकिन याद रहे के नमाज को नमाज की ही तरह ही अदा किया जाए एसा न हो के केवल फॉर्मलती के लिए ही आप गए मस्जिद और जिम सी करके आ गए जल्दी-जल्दी ।

याद रहे मेरे प्यारो जब तक आप की लो अल्लाह से नहीं लगेगी उससे दुआ नहीं करोगे उसका जिक्र नहीं करोगे तो फिर आप अपनी रूहानी ताकत और कूवत जाया करते रहोगे यानि के खुलासा कलाम ये है नमाज को इस तरह पढे के अल्लाह पाक आपको देख रहा है और जो इंसान पाँच वक्त की नमाज का पाबंद हो जाता है या हो जाती है तो उसके अंदर खुद-ब-खुद नैकी की ताकत पैदा होने लगती है और उसको सुकून मिलने लगता है।

(03) कुरान ए मजीद की तिलावत और अमल के जरिए से नैक इंसान बने

कुरान ए मजीद अल्लाह पाक की किताब है और आसमानी किताब है जो की हमारे प्यारे-प्यारे नबी, हुज़ूर नबी ए रहमत पर नाजिल हुई और इसमे जिंदगी से आखिरत तक हर एक मसले का हल है। नैक इंसान वो होता है जो रोजाना कुरान ए मजीद की तिलावत करे और इस पर अमल करे।

कुरान ए मजीद मे अल्लाह पाक फरमाता है के, ” ये किताब है उन लोगों के लिए हिदायत है जो तकवा रखते है। ” कितने सुनहरे शब्द है ये कुरान के एक मुसलमान को गौर करना चाहिए कुरान की तालीम को अपनी जिंदगी मे लागू करना नाइकी की तरफ पहला कदम रखना है ।

आप अमल मे एसे लाए के फ़जर की नमाज के बाद पाओ पारा पढे और इशा की नमाज के बाद आप डैलि सूरह मुल्क की तिलावत करे और रात मे पढ़ा जाने वाला कुरान दिलों के अंदर बहुत जल्द उतरता है।

(04) सदका दे और गरीबों की मदद करे

नैकी का एक जरूरी हिस्सा है के दूसरों की मदद करना अब चाहे वो पैसे से हो, वक्त से हो या कोई मशवराह हो, हर छोटी से छोटी मदद अल्लाह के नजदीक कबूल होती है हमारे प्यारे-प्यारे आका, मदीने वाले मुस्तफा करीम, हुज़ूर नबी ए रहमत इरशाद फरमाते है, ” जो शख्स एक मुसलमान की तकलीफ दूर करता है तो अल्लाह पाक उसकी दुनिया और आखिरत की मुश्किले दूर करेगा ।

यानि के आप किसी के साथ भलाई करोगे तो आपके साथ भी अल्लाह पाक भलाई करेगा ठीक इसी तरह अगर आप किसी के ऐब छुपाओगे तो अनकरीब अल्लाह पाक आपके ऐब छुपाओगे और किसी को सहारा दोगे तो अल्लाह पाक आपको सहारा देगा ये है इस्लाम और ये इसकी तालीम और है के नैक इंसान कैसे बने इस सवाल का असल जवाब ।

(05) गुनाहों से बचना और गुनाहों से नफरत

आपको बता दे के नैक इंसान सिर्फ नैकी ही नहीं करता बल्कि गुनाहों से भी बचता है और नजर की हिफाजत करता है के कही गैर महरम को न देखे, जवान की हिफाजत करता है के कही किसी से गलत बात और बद कलामी न हो किसी की गीबत न हो जाए किसी भाई का दिल न दुख जाए झूट न निकल जाए ये तमाम चीजे अमल मे लाने आती है ।

बस इतना ही नहीं बल्कि नैक इंसान बस अच्छे इंसान और ब अमल इंसान को ही नहीं कहते है बल्कि एक पहलू ये भी है के गुनाहों के लिए दिल मे नफरत भी होना लाजिमी है अगर गुनाहों से नफरत नहीं करोगे तो आप नेक अमल करो लेकिन कही न कही और कभी न कभी आप से शैतान गुनाह करवा ही देगा। इसलिए गुनाहों से नफरत होना भी जरूरी है ।

(06) तकवा और परहेजगारी

तकवा का मतलब है के अल्लाह से डरना और उसकी ना फरमानी से बचना और अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” सबसे बेहतर वो है जो सबसे ज्यादा तकवा वाला हो । ” जो इंसान हर काम करने से पहले सोचता है के, ” क्या ये अल्लाह पाक को पसंद आएगा ? ” वही असल मे नैक इंसान बन सकता है ।

ठीक इसी तरह से परहेजगारी है के जितना आप दुनिया की मुहब्बत से दूर रहोगे और जितना अपनी कब्र को याद करोगे अल्लाह पाक के नजदीक उतना ही आपका मुकाम बड़ता जाएगा और उसके उतने ही करीब आप होते जाओगे अच्छे आमाल के साथ तकवा और परहेजगार होना भी एक नैक इंसान की पहचान है ।

(07) तवकुल और सब्र

नैक इंसान हर एक मुश्किल मे अल्लाह पाक की जात पर भरोसा रखता है वो सब्र करता है और कभी भी अल्लाह की रहमत से न उम्मीद नहीं होता है और अल्लाह पाक खुद कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है के, ” बेशक अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है । ” ( सूरह अल-बकरा-153)

अल्लाह पाक की जात पर भरोसा एसा हो के जब चारों तरफ की जानिब से दरवाजे बंद हो चुके हो तो उस वक्त भी उम्मीद यही रखे के जब अल्लाह पाक एक दरवाजा बंद करता है तो 2 दरवाजे खोल देता है और ठीक इसी तरह अब चारों से दरवाजे बंद है तो अब अल्लाह पाक 8 सिमत से दरवाजे खोलेगा और बेशक अल्लाह बड़ा ही रहमान है । ये नजरिया हर एक और हर एक नैक मुसलमान का होना चाहिए ।

फिर जब किसी को अल्लाह पाक परेशनिया देता है तो उस वक्त तो हर एक को खुदा की रहमत और उसकी तड़प होती है लेकिन जब अल्लाह पाक उसी को खुशिया देता है क्या उस वक्त भी उतना ही जिक्र ए खैर करता ये बहुत अहम मोड है नैक इंसान जो होते है वो समुन्द्र की तरह होते है के नहर मिले या झील मिले या नदी मिले हमे हम एक साथ एक ही रहना है ।

(08) अपने वक्त का बहतरीन इस्तेमाल करे

नैक इंसान वक्त को जाया नहीं करते बल्कि वो अपनी जिंदगी मे हर एक लम्हे को अपने निजाम के तहत ही रखते है और इल्म हासिल करते है, नैकी के काम करते है और फिजूल बातों से और फिजूल खर्चों से बचते है ।

हम भी अगर चाहते है के नैक इंसान बन जाए तो मेरे प्यारो अपने वक्त का सही इस्तेमाल करे आप देखे न किस तरह हम लोग फेस्बूक और इंस्टा और यूट्यूब पर और भी तमाम सोशल मीडिया पर कितने-कितने घंटे एसे ही गवा देते है लेकिन तौफीक नहीं होती के उसी मोबाईल से 5 मिनट ही कुरान पढ़ ले या सुन ले क्योंकि शैतान अपने काम मे बहुत कामियाब है वो आपको बहकाता ही रहेगा इसलिए मेरे अजीजों आप अहद करे के मोबाईल का इस्तेमाल करके अपने जिंदगी के कीमती वक्त को सही और सवाब वाले कामों मे इस्तेमाल करे।

और बस मोबाईल मे ही न रहे बल्कि बाहर की दुनिया मे आये पढे अपने बुजुर्गों की किताबे और उनकी जिंदगी के बारे मे पढे किस तरह का ईमान वो हजरात रखते थे और किस तरह का जज्बा रखते थे।

(09) वालिदैन की खिदमत करना

जो इंसान अपने वालिदैन यानि के वालिद और वालिदा का फरमाबरदार होता है उसकी जिंदगी मे बरकत होती है और उनके रिज्क मे भी बरकत होती है अल्लाह पाक कुरान ए मजीद मे इरशाद फरमाता है, ” उनके लिए उफ्फ़ तक न कहना ” (सूरह अल-इसरा) इस आयत की तफसील मे आता है के जब आपके वालिदैन या उनमे से कोई एक भी बुढ़ापे तक पहुच जाए,

और अगर अब उनकी कोई बात आपको ठीक न लगे या फिर उनकी खिदमत करते हुए आपको एक वक्त हो चला तो अब भी आप उनसे उफ्फ़ तक नहीं कह सकते ये कुरान ए मजीद कहता है तो कितना अहम और खूबसूरत अखलाक अल्लाह पाक ने अपने बंदों को दिया है और इसी तरह आप एक नैक इंसान बन सकते हो ।

औलमा कहते है के बाप आज के दौर के हिसाब से एक एसा atm कार्ड होता है के जिसमे अगर पेसे भी न तब भी वो आपके लिए हर जगह चलेगा और मा एक एसी बैंक होती है के अगर आप उसके पास कंकर और पत्थर भी जमा कर दोगे तब भी आपके उस पत्थर को वो एक सोना चांदी समझकर ही हिफाजत के साथ रखेगी ।

(10) इल्म की तलब और अमल

इल्म हासिल करना फर्ज है नैक इंसान वो है जो दीन और दुनिया के इल्म मे महारत हासिल करे और उस इल्म को दूसरों तक पहुंचाए हुज़ूर नबी ए रहमत इरशाद फरमाते है के, ” जो शख्स इल्म हासिल करने के रास्ते पर चलता है, अल्लाह पाक उसके लिए जन्नत का रास्ता आसान कर देता है। ” अगर आप भी इल्म हासिल करने चलोगे तो आपके लिए भी जन्नत का रास्ता खुल जाएगा।

याद रहे के इल्म एसा न के दूसरों के लिए जिल्लत बन जाए जेसे के आपने देखा के किसी के कोई गलती हो गई अब आपने सबके सामने उसको टोक दिया अब इससे होगा ये आपका इल्म आपके लिए शैतान की कामियाबी हो गई क्योंकि इससे उसका दिल दुखेगा सबके सामने आपने उसकी बे इज्जती कर दि लेकिन यही बात अगर आप उसको अकेले मे लेकर बताते तो ये ही इसलाह कहलाती और वो इंसान आपकी बात मानता भी ।

तो इसी लिए कहा गया है बेशक इल्म हासिल करो लेकिन बस इल्म ही न बल्कि अमल मे भी लाओ क्योंकि बिला अमल के आपका इल्म एक फ़ितना ही होगा जब आप खुद अमल न करोगे और दूसरों को कहते रहोगे तो फकत फ़ितना ही फेलेगा लिहाजा अदब, इल्म और अमल ये तीनों आपकी सखसियत मे होने चाहिए।

(11) ज़बान की हिफाजत

ज़बान से निकलने वाले अलफाज इंसान को जन्नत भी दिलवा सकते है या दोजख भी । नैक इंसान अपनी जिंदगी ज़बान से सिर्फ सच कहकर, अच्छी बाते और दुआ निकालता है हमारे प्यारे-प्यारे आका, हुज़ूर नबी ए रहमत इरशाद फरमाते है के, ” जो अल्लाह और आखिरत पर यकीन रखता है, वो अच्छी बात कहे या खामोश रहे । ” यानि के आपकी ज़बान एक एसा आजा है के अगर,

आपने इसका इस्तेमाल अल्लाह की हंद और जिक्र और हुज़ूर पर दुरूद और सलाम के लिए किया तो ये ज़बान की बदौलत आपको जन्नत भी मिल सकती है और अगर इसी ज़बान से आपने झूट, चुगली, गीबत और बुराई और एक-दूसरे के ऐब तलाशे और लड़ाइया कारवाई तो इसी जबान की वजह से अल्लाह न करे के आप कब्र मे और हश्र मे फस सकते हो लिहाजा इसका खुलासा कलाम यही के जितना,

कम से कम हो सके उतना ही इसका इस्तेमाल करे और याद रहे के हुज़ूर ने ये भी इरशाद फरमाया था के ” बंदे के 2 होंटों के बीच मे और 2 टांगों के बीच मे जो चीज होती है इन दोनों चीजों की वजह से ही ज्यादा तर लोग जहन्नम मे जाएंगे।

(12) हलाल रिज्क कमाना

जो इंसान हराम काम से और रिज्क से बचा कर सिर्फ हलाल तरीके से अपना गुजारा करता है तो वो अल्लाह पाक के नजदीक मकबूल होता है और हर नैकी की बुनियाद हलाल रिज्क है लिहाजा चाहे कितना ही ज्यादा आप हराम तरीके से रिज्क हासिल करले और इखट्टा करले लेकिन वो निकल जाएगा और उसमे बिल्कुल बरकत ही नहीं होगी ।

इसलिए आपको चाहिए के हलाल रिज्क की तरफ आये हलाल रिज्क कमाए अपनी बीवी बच्चों के पेठ मे हलाल रिज्क ही पहुंचाए ताकि इनको ज़ुबानों से भी हक ही बाहर आये फिर चाहे थोड़ा कमाए थोड़ा खाए लेकिन हलाल ही कमाए खाए ताकि आपकी कब्र की जिंदगी हश्र की जिंदगी मे कोई परेशानी न आये और जब आपकी रूह कब्ज होने वाली हो तो आपके चेहरे पर एक सुकून हो ।

खुलासा ए कलाम

अगर आप सोच रहे है के नैक इंसान कैसे बने तो जवाब ये है के कुरान ए मजीद और हुज़ूर नबी ए रहमत की सुन्नत पर अमल करके, अपने अखलाक को बहतर बनाके और अल्लाह पाक का जिक्र करते हुए और दुनिया मे लोगों की मदद और तबलीग का जज्बा लेकर चलना ।

नैकी एक सफर है जो नियत से शुरू होता है और आखिरी सांस तक जारी रहता है हर एक मुसलमान इस रास्ते को अपनाए ताकि वो न सिर्फ दुनिया मे कामयाब हो बल्कि आखिरत मे भी अल्लाह पाक के करीब हो और उस रास्ते पर चले जिस रास्ते पर चलकर हमारे असलाफ़ों ने अपनी जिंदगी गुजारी ।

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