कुरान कैसे पढे – कुरान पढ़ने का सही तरीका और अहमियत तफसील के साथ
हर एक मुसलमान के दिल मे एक खास जगह होती है कुरान ए मजीद के लिए अल्लाह पाक के कलाम के लिए । ये अल्लाह पाक का पैगाम है जो के हर एक शख्स को सीधे रास्ते की हिदायत देता है लेकिन अक्सर लोग ये सवाल करते है के,
कुरान कैसे पढे ? क्या सिर्फ अरेबिक मे पढ़ना काफी है या समझना भी जरूरी है ? इस पोस्ट मे हम कुरान पढ़ने का सही तरीका, उसकी अहमियत और आप लोगों के लिए आसान से आसान टिप्स और तरीके तफसील से बताएंगे जिनको जानकार इंशा अल्लाह आप भी कुरान ए मजीद पढ़ने लगोगे।
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(01) कुरान कैसे पढे – शुरुआत कहा से करे ?
जब आप सोच रहे हो के कुरान कैसे पढे तो फिर सबसे पहले नियत को साफ रखना जरूरी है। कुरान अल्लाह पाक का कलाम है इसलिए उसे पढ़ते वक्त दिल मे इज्जत और तवज्जो होनी चाहिए।
आप ये स्टेप्स फॉलो कर सकते है:
- वुजू करे: तहारत के बिना कुरान पढ़ना मना है ।
- किबला की तरफ मुह करे ये सुन्नत है
- बिस्मिल्लाह से शुरुआत करे
- तजवीद आराम से तजवीद के साथ पढे
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(02) कुरान पढ़ने की अहमियत
आपको बता दे के कुरान ए मजीद पढ़ने से सिर्फ सवाब ही नहीं मिलता है, बल्कि इंसान की जिंदगी मे सुकून और रोशनी भी आती है अल्लाह पाक ने कुरान मे इरशाद फरमाया है, ” ये कुरान लोगों के लिए हिदायत है । ” ( सूरह अल बकरा )
फजीलत
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- दिल को साफ करता है
- गुनाहों का कफ्फारा बनता है
इसलिए अगर आप सोच रहे हो के कुरान कैसे पढे तो ये समझ लीजिए के उसे पढ़ना आपके लिए दुनिया और आखिरत दोनों मे बहतरीन है ।
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(03) अरेबिक मे पढ़ना या ट्रैन्स्लैशन
कई सारे लोग एसे है जो के सिर्फ अरेबिक मे पढ़ते है बिना समझे जबके कुछ लोग ट्रैन्स्लैशन के साथ पढ़ते है इसके लिए सही तरीका ये है:
- अरेबिक मे पढ़ना + तजवीद सीखना
- तर्जुमा के जरिए से समझना
- तफ़सीर पढ़ना
- ये सब किसी अहले सुन्नत वल जमात के आलिम ए दीन के रहनुमाई मे पढ़ना क्योंकि पेश ए मंजर आलिम या मुफ्ती ए दीन को ही मालूम होता है
अगर आप न्यू है तो पहले हिन्दी या उर्दू तर्जुमा के साथ कुरान ए पाक पढे बाद मे ही अरेबिक और तजवीद सीखे । लेकिन किसी आलिम ए दीन की रहनुमाई मे ही पढे क्योंकि आप को नहीं मालूम होगा के इस आयत के पीछे का पेश ए मंज़र क्या है जबकि आलिम ए दीन आपको अच्छे से समझाते चलेंगे।
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(04) तजवीद क्या है और क्यों इतनी जरूरी है ?
तजवीद का मतलब है के कुरान ए मजीद को उसके असल लहजे मे अदा करे और सही तलफ्फुज के साथ पढे गलत तजवीद से मायेने बदल जाते है इसके लिए आप सबसे बहतरीन मदनी काएदा इस्तेमाल करे जो की प्ले स्टोर पर भी मोजूद है और उसमे औडियो के जरिए भी सिखाया जाता है ।
ये कुछ अहम काम भी इसके लिए बहतरीन हो सकते है अगर आप करना चाहे तो जैसे:
- अनलाइन कोर्स करे
- यूट्यूब से विडिओ देखे
- मस्जिद मे इमाम साहब से सीखे सबसे बहतरीन यही है
- नूरानी कायेदा या मदनी कायेदा पढे जबकि मदनी कायेदा आपको औडियो मे भी मिल जाएगा प्ले स्टोर पर
तजवीद सीखना बहुत जरूरी है क्योंकि इसके बगैर आप भी पढ़ोगे उसमे बहुत सी गलती होंगी और सही तलफ्फुज न निकलने की वजह से उसके मायेने भी फ़ासिद होंगे और फिर ये गुनाह भी होगा इसलिए तजवीद से ही पढे और इसमे आपको सवाब और बरकत बहुत ज्यादा मिलता है ।
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(05) रोजाना कुरान पढ़ने की आदत कैसे डाले ?
अगर आप चाहते है के कुरान कैसे पढे डैलि तो छोटी शुरुआत करे जैसे के:
- रोज सिर्फ 1 ही रुकु या 1 पेज पढे पहले
- फ़जर के बाद वक्त निकाले
- कुरान एप इस्तेमाल करे
- इस निजाम बनाए जैसे रोज 10 मिनट आपको कुरान ए मजीद पढ़ना ही है ।
अपने लिए एक जरनि बनाए जिसमे आप लिखे आज क्या पढ़ना और क्या सीखा इसको कहते है मुहासबा करना जो के हमारे बुजुर्ग आने दीन बहुत करते थे।
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(06) बच्चों को कुरान कैसे पढ़ाए ?
बचपन से अगर कुरान शरीफ की आदत हो जाए तो वो जिंदगी भर के लिए रहती है इसके लिए:
- प्यार और नरमी से सिखाए
- हाफ़िज़ या आलिम साहब से तालीम दिलवाए
- औडियो कुरान ए पाक सुनवाए
- तफ़सीर स्टोरीस के फोरम मे समझाए
ये सवाल के कुरान कैसे पढे सिर्फ बड़े लोगों के ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी रेलवन्ट है और बच्चों को शुरुआत से ही इसकी तरगीब दिलाइ जाए ताकि उसके दिल मे इसकी मुहब्बत और ईमान की हरकत और इसका जज्बा शुरू से ही उरुज पर रहे।
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(07) मोबाईल से कुरान पढ़ना – जायज है ?
आज के डिगिटल दौर मे लोग मोबाईल या एपस से कुरान पढ़ते है जो की जाएज है लेकिन एसा तब ही करे जब आपके पास कुरान ए मजीद मोजूद न हो क्योंकि कुरान को छुपा भी सवाब है इसको देखना भी सवाब है इसको चुमना भी सवाब है और जब मोबाईल से ही कुरान पढ़ने की आदत लग जाती है फिर बंदा कही न कही बहुत सारी चीजों से महरूम रह जाता है जो की अभी आपको बताई है।
कुरान कैसे पढे मोबाईल से ?
जवाब: बिल्कुल जाएज है लेकिन वुजू के साथ और अदब के साथ ही पढे। कुछ एपस है इनसे भी पढ़ सकते है जैसे
- प्रैअर टाइम
- कंजूल ईमान
- आई कुरान
- कुरान मजीद
फायेदा ये रहेगा के इसमे आपको ट्रैन्स्लैशन और तफ़सीर दोनों एक जगह ही मिल जाएंगे ।
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(08) कुरान समझने के लिए तफ़सीर का क्या रोल है ?
ट्रैन्स्लैशन सिर्फ लफ्जों का तर्जुमा होता जबकि तफ़सीर लफ्जों के पीछे छुपे मायेने और पेश ए मंजर को बयान करती है मै आपको कुछ किताबे बताता हूँ जिससे आप बहुत आसानी से कुरान के माएने और तफ़सीर पढ़ सकते है और ये आपको प्ले स्टोर पर भी मिल जाएंगे ।
कुरान ए पाक तर्जुमा के लिए सबसे बहतरीन है कंजूल ईमाम
कुरान ए पाक की तफ़सील के लिए सबसे बहतरीन है कंजूल इरफान
ये दोनों ही आपको प्ले स्टोर पर मिल जाएंगी और अगर आप सिरियस है के कुरान कैसे पढे और समझे तो ये आपके लिए बहुत मुफीद है ।
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(09) कुरान पढ़ते वक्त गलतिया और उनका हल ?
बहुत सी एसी गलतिया होती है जो के इंसान कर रहे होते है लेकिन उनको पता भी नहीं होता है जैसे के,
- बिना तजवीद के पढ़ना
- समझे बिना सिर्फ तिलावत करना
- बे-अदबी जैसे बिना वुजू के ही पढ़ना
- फास्ट रीडिंग जिसमे बहुत ज्यादा तलफ्फुज की गलतिया हो रही होती है
हल ये है के-
- सही तजवीद सीखना
- तफ़सीर पढ़ना
- उस्ताद ए रहनुमाई लेना
- नियत को साफ रखना
- किसी आलिम ए दीन की सोहबत मे रहना
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(10) कुरान ए मजीद पढ़ने का असर जिंदगी पर
कुरान ए पाक सिर्फ पढ़ने की किताब नहीं बल्कि अमल की किताब है और जो लोग कुरान ए मजीद को समझ कर पढ़ते है उनकी जिंदगी मे
- सुकून होता है
- फैसलों मे हिकमत होती है
- हर मुश्किल का हल मिलता है
- अखलाक बहतर होता है
- किरदार मे रूहानी ताकत आती है
सबसे बड़ी बात के अल्लाह पाक राजी होता है उसका हबीब खुश होता है अगर आप अब भी सोच रहे है के कुरान कैसे पढे तो जवाब ये है के दिल से, समझ कर और अमल के इरादे के साथ पढिए इंशा अल्लाह आपको दुनिया मे भी कामियाबी मिलेगी और आखिरत मे भी आपको कामियाबी मिलेगी ।
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खुलासा ए कलाम
कुरान शरीफ अल्लाह पाक का पैगाम है जो हर एक शख्स के लिए रोशनी है हिदायत है इससे पढ़ना इबादत भी है और दिल का सुकून भी है चाहे छोटे हो या बड़े मर्द हो या औरत जब आप इसको रोजाना पढ़ने लगते हो तो देखते हो के आप के न जाने कितने बिगड़े काम बनने लगते है और आपको जिंदगी मे सुकून मिलने लगता है ।
दिल की जंग दूर होने लगती है अब कुरान कैसे पढे इसका जवाब आपको तफसील से मिल गया होगा और याद रखे के अगर आप ये चाहते है के हमारे बच्चे रोजाना कुरान ए मजीद पढे तो पहले आपको खुद अमल करके दिखाना होगा ।
क्योंकि बच्चे सुनते बाद मे है पहले देखते है कुरान ए मजीद वो किताब है जिसमे शक की कोई गुनजाइश नहीं बस ईमान पक्का हो तो जिंदगी मे सुकून ही सुकून रहता है ।