Musibato ko door karne ki dua। मुसीबतो को दूर करने की दुआ

मेरे अजीजों आज कल हर एक इंसान किसी न किसी मुसीबत मे गिरफ्तार है और वो बहुत ज्यादा परेशान रहता है के कैसे भी करके इन मुसीबतों से बाहर निकला जाए और कोई न कोई एसा तरीका, एसी दुआ या कही के एसा वजीफा मिले,

जिसको पढ़ हमे मुसीबतों को दूर कर सके एक बात याद रखे के जब भी कोई मुसीबत आती है तो उसकी 2 वजहों मे से कोई एक वजह होती है 1 वजह ये हो सकती है के अल्लाह पाक आपको आजमाईश मे डालकर आपको आजमाता है।

और एक वजह ये भी हो सकती है के कही न कही न कही या कहे के कभी न कभी आपसे जो गुनाह सर जद हुए उनकी ये सजा होती है दुनिया मे ही लेकिन दोनों ही सूरतों मे ये दुआ काम करती है आपका ईमान और भरोसा पक्का होना चाहिए ।

मुसीबतों को दूर करने की दुआ। Musibato ko door karne ki dua

किन मुश्किलों और परेशानियों मे ये दुआ पढ़ी जाए

मेरे अजीजों बहुत सारी परेशानिओ और मुसीबतों मे इसी दुआ की कसरत यानि के ज्यादा पढ़नी चाहिए जैसे के ” कोई भी बीमारी हो, किसी का कर्ज बहुत ज्यादा हो चुका हो, मुकदमा बाजी, दुश्मन की तरफ से ईजार सानी, बे रोजगारी, किसी भी आफते ना गहानी आन पड़े, कोई चीज गम हो जाए,

किसी की बात सुन कर सदमा पहुंचे, कोई मारे, दिल दुख जाए, ठोकर लग जाए, गाड़ी खराब हो जाए, कारोबार मे नुकसान हो जाए, घर मे चोरी हो जाए अल गरज चोटी या बड़ी कोई सी भी परेशानी हो ये दुआ पढे ” बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम ला हउला वला कूवता इल्ला बिल्ला हिल अलीयिल अजीम “

दुआ की दलील और इसके रावी कौन ? मुश्किलों को दूर करने वली दुआ !

मौला मुश्किल कुशा हज़रते अली युल मूर्तजा शैर ए खुदा रदी अल्लाहु ताला अनहू से रिवायत है के सुल्तान ए मक्का ए मुकरर्मआ, ताजदार ए मदीना हुज़ूर पुर नूर मुहम्मद ए मुस्तफा ने इरशाद फरमाया,

” ए अली ! मै तुम्हें एसे कलमात न बता दू जिन्हे तुम मुसीबत के वक्त पढ़ लो । ” हज़रत ए अली ने अर्ज किया जरूर इरशाद फरमाए ! आप हुज़ूर नबी ए करीम पर मेरी जान कुर्बान ! तमाम अच्छाइया मेने ने आप ही से सीखी है ।

अब हुज़ूर नबी ए करीम इरशाद फरमाया, ” जब तुम किसी मुश्किल मे फस जाओ तो इस तरह पढ़ो ” बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम ला हउला वला कूवता इल्ला बिल्ला हिल अलीयिल अजीम “ अब अल्लाह पाक इंशा अल्लाह इसकी बरकत से जिन बलाओ को चाहेगा दूर फरमाएगा । ”

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ये दुआ असर कब करेगी और कब तक इसका रिजल्ट दिखेगा ?

मेरे अजीजों ये दुआ कब तक असर करेगी इसका जवाब ये है के जिस वक्त से आप अल्लाह के हुज़ूर इस दुआ के जरिए से दुआ करोगे और सादिक दिल से अल्लाह से माँगोगे तो वो बड़ा करीम है देने मे ज्यादा देर नहीं लगाएगा लेकिन नियत साफ होनी चाहिए नियत मे किसी भी तरीके से कोई फ्रॉड नहीं होना चाहिए ।

जिंदगी को, तकदीर को बदलने मे ज्यादा देर नहीं लगती है बस आपका अपने रब पर भरोसा होना चाहिए ईमान मजबूत होना चाहिए अब ये सवाल है के इसका रेजल्ट कब तक दिखेगा इसका रेजल्ट फोरन आपके जहन मे दिखना शुरू हो जाएगा आप देखोगे के आपके,

बिगड़े काम धीरे-धीरे बनने लगे है जो काम न उम्मीद होने को थे वो अब फिरसे होने लगे है कारोबार मे नुकसान था अब धीरे-धीरे उम्मीद की किरण सामने आने लगी खुदा की खुदाई आपकी किस्मत पर मुकुराई है रहमत के दरवाजे खोल दिए गए है आप अपनी आँखों से उनको महसूस करने लगे हो ।

और अनकरीब वो वक्त आने वाला है जिसकी आस आप हर बैठे थे लेकिन देखो ये तुम्हारा रब है जो तुमसे तुम्हारी मा से भी 70 गुना ज्यादा प्यार करता है और तुम न जाने कहा भटक रहे थे लिहाजा बस दुआ ही न पढ़ी जाए बल्कि नमाजों की भी पाबंदी करी जाए ।

काम और नैक काम किसी को दिखावे के लिए नहीं बल्कि दीन और दुनिया की भलाई के लिए किया जाए और जहा तक हो सके हुज़ूर की इस उम्मत को निखारा जाए अब चाहे वो अखलाक से हो, तालीम से हो, माली मदद से हो, कलबी तौर पर हो और अपनी ताकत से और अपनी दुआओ से ।

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खुलासा ए कलाम

इसमे कोई 2 राये नहीं के इस दुआ की बरकत से आपकी हर किस्म की परेशानी दूर होगी लेकिन अपने आपको बस दुआ तक ही महदूद न रखे बल्कि इसके साथ-साथ दुरूद शरीफ की भी कसरत की जाए इसके साथ नमाजों की पाबंदी की जाए और घर वालों से मुहब्बत और उनके हुकूक का ख्याल रखने के साथ अदा भी किए जाए ।

हर परेशानी को दूर करने के लिए दुआ यही है के ” बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम ला हउला वला कूवता इल्ला बिल्ला हिल अलीयिल अजीम “ इसका कसरत के विरद किया जाए लेकिन याद रखे अपनी मुसीबतों को एसे लोगों के साथ शेयर न करे जिनको बताने का फाएदा,

तो दूर बल्कि आपकी खुद इज्जत कम हो बल्कि एसे लोगों दूसरों के साथ भी आपकी परेशानी की बात बे मतलब और हसी करने के लिए भी करते है लिहाजा इस किस्म के लोगों से दूरी इख्तियार करे सलाम दुआ जरूर रखे बड़े है तो इज्जत भी दे लेकिन अपने फ्रेंड सर्कल से दूर रखे इसी मे भलाई है और हकीकत मे परेशानी को दुर करने वाला फकत अल्लाह पाक ही है ।

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