खाना खाने की सुन्नतो का तारुफ जानिए
मेरे प्यारे अजीजों जैसा के हम सब जानते है के दीन ए इस्लाम एक मुकम्मल जिंदगी का नाम ही नहीं बल्कि बच्चे के पैदा होने से लेकर कब्र तक और कब्र से हश्र तक और हश्र से या तो जन्नत के बागों तक या अल्लाह रहम करे डोजख की आग तक की मुकम्मल जानकारी का नाम है ।
अब इसमे इंसान के हर एक छोटे से छोटे और बड़े से बड़े अमल के लिए हिदायते दी गई है यहा तक के खाना खाने जैसे एक आम अमल के भी खास सुन्नते है। खाना खाने के आदाब न सिर्फ हमारे अखलाक को सवारते है बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बेहद ही फायदेमंद है ।
मेरे अजीजों आज के पोस्ट मे हम जानेंगे के खाना खाने की सुन्नते क्या है, उसके तरीके क्या है, फायेदे और इस्लाम के नजरिए से इसकी अहमियत कितनी है और क्या है इन तमाम सवालों के साथ आज इस टॉपिक को तफसील से कवर करेंगे ।
खाना खाने से पहले की सुन्नते क्या है ?
(01) हाथ धोना
खाने से पहले हाथ धोना एक अहम सुन्नत है पैगंबर ए अकरम, हुज़ूर नबी ए रहमत ने खाने से पहले और खाने के बाद मे हाथ धोने की ताकीद फरमाई है । जैसा के हदीस शरीफ मे आता है के, ” खाने से पहले और खाने के बाद हाथ धोना बरकत लाता है । ”
फायेदा ये है मिलेगा के जब आप खाने से पहले और बाद दोनों बार हाथ धोगे तो साफ-सफाई का एहसास भी रहेगा और दूसरी बात ये के आप तमाम ही जंस बीमारियों से भी बचे रहोगे ।
(02) बिस्मिल्लाह कहना
खाना शुरू करने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ना एक सुन्नत भी है और अगर आप भूल जाए तो फिर खाना खाते वक्त याद आने पर ये पढ़ना चाहिए ” बिस्मिल्लाहि अव्वलहू वा आखिरहु ” जब किसी काम से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ ली जाती है तो उस काम मे शैतान शरीक नहीं हो सकता है ।
हदीस शरीफ मे आता है के, ” जब तुम मे से कोई खाना खाए तो बिस्मिल्लाह कहे अगर भूल जाए तो कहे, बिस्मिल्लाहि अव्वलहू वा आखिरहु। ” मेरे अजीजों याद रखे के फकत खाने से पहले ही बिस्मिल्लाह नहीं बल्कि हर के जाएज काम से पहले आप बिस्मिल्लाह पढे इंशा अल्लाह आपका काम बहुत अच्छा होगा और उसमे अल्लाह पाक बरकत अता करेगा ।
(03) दाहिने यानि के सीधे हाथ से खाना खाए
हमारे प्यारे-प्यारे आका, मदीने वाले मुस्तफा, हुज़ूर नबी ए करीम ने दाहिने हाथ से खाने की हिदायत दी है हदीस शरीफ मे आता है के, ” तुम मे से कोई भी शैतान की तरह बाये हाथ से न खाए, बल्कि दाहिने हाथ से खाए। ”
खाना खाने के दौरान की सुन्नते
(01) अपने सामने से खाना खाए
मेरे अजीजों जिस तरफ खाना रखा हो और एसा है के एक थाली मे या बड़ी प्लेट मे सब 2 या 3 लोग मिलकर खाना खा रहे है तो आपको चाहिए के खाना अपनी साइड की तरफ से ही खाए, हा अगर आप ही अकेले एक ही प्लेट मे खा रहे है तो कही से भी खा सकते है ।
हदीस शरीफ मे आता है के हुज़ूर नबी ए करीम ने इरशाद फरमाया है के, ” जब तुम खान खाओ, तो अपने सामने से खाओ । ” लिहाजा इससे हमे मालूम चलता है के किसी दूसरे की तरफ से खाना नहीं खाना चाहिए ।
(02) छोटे-छोटे निवाले लेना
मेरे अजीजों हमारे प्यारेप्यारे आका, हुज़ूर नबी ए रहमत छोटे निवाले लेते थे और आराम से चबाकर खाते थे । इससे कई तरह से फायेदे होते है जैसे के खाने मे बरकत होती है और इससे आपकी पाचन तंत्र भी मजबूत होता है ।
(03) खाना खाते वक्त हल्की बातचीत करना जाएज है
जब आप खाना खा रहे हो तो इसके दौरान हल्की-फुलकी बात चीत करना भी सुन्नत से साबित है इससे होता ये है के महफ़िल मे गर्मी और मुहब्बत आती है और खाना खाने मे भी मज़ा आता है ।
(04) खाना खाते वक्त दूसरों को भी खाना पेश करना
जब आप खुद खाना खा रहे हो तो खुद खाना खाने के साथ ही दूसरों को भी खिलाना सुन्नत है । मेहमान नवाजी और दूसरों का ख्याल रखना भी इस्लाम का खूबसूरत हिस्सा है इससे आप मे मुहब्बत और भाई चारा बड़ता है ।
खाने से फारिग होने के बाद की सुन्नते
(01) Alhamdulillah कहना
जब खाने से फारिग हो जाए तो अल्लाह पाक का शुक्र बजा लाने के लिए ये दुआ पढे के, ” अलहमदू लिल्लाहिलजी अत अमना व सकाना व जअलना मिनल मुस्लिमीन । ” इसके तालुक से हदीस ए पाक मे आता है के,
” जिसने खाने के बाद यह दुआ पढ़ी, उसक पिछले गुनाह माफ कर दिए जाएंगे । ” तो जब भी आप खाने से फारिग हो तब अल्लाह पाक का शुक्र अदा करते हुए ये दुआ जरूर पढ़ लीजिए ।
(02) उँगलिया चाटना
हमारे प्यारे-प्यारे आका, हुज़ूर नबी ए रहमत ने खाना खाने के बाद उँगलिया चाटने की तालीम दी है ताकि बरकत जाया न हो । तो फिर हमको भी चाहिए के खाने से फारिग होने के बाद अपनी उंगलियों को भी चाटले सुन्नत की नियत से करोगे तो सवाब का सवाब भी मिलेगा और इसके साथ ही बरकत भी मिलेगी ।
(03) खाने से फारिग होने के बाद हाथ धोना
खाने के बाद भी हाथ धोना चाहिए और कुल्ला भी करना चाहिए ये अफजल है इससे साफ सफाई रहती है जितना हो सके हमे हर एक तरीके से साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस्लाम मे साफ सफाई ईमान का हिस्सा बताया है ।
(01) सेहत मे बरकत
जब हम और आप छोटे-छोटे निवाले, अच्छी तरह चबाना और बिस्मिल्लाह कहना खाने को जल्दी हजम करता है इसमे सबसे ज्यादा हमारी सेहत बहुत अच्छी रहती है उसमे बरकत होती है ।
(02) अखलाक मे नरमी का आना
जब भी हम किसी दूसरे भाई को खाने मे शरीक करते है या अदब और लिहाज करते है तो फिर हमारा अखलाक भी बहुत अच्छा हो जाता है और इससे अखलाक मे नरमी भी आती है इसलिए जब भी खाना खाए तो कोई दिखे तो उससे खाने की जरूर पूछे ।
(03) अल्लाह पाक की रिजा
मेरे अजीजों सुन्नते पर अमल करने से अल्लाह पाक की रिजा हासिल होती है और गुनाहों की माफी भी मिलती है और हुज़ूर की सुन्नतो पर चलने से जिंदगी भी आसान हो जाती है ।
(04) दुनियावी और दीनी कामयाबी
सुन्नतों के मुताबिक जिंदगी गुजारने से इंसान हर दो जहा मे कामयाब हो जाता है और उसको दोनों जहानों की खुशिया भी अता कर दी जाती है ।